प्रतिपदा से नवमी तक कैसे करें नवरात्रि में मां दुर्गा की आराधना, पढ़ें सरल मंत्र
प्रतिपदा से नवमी तक कैसे करें नवरात्रि में मां दुर्गा की आराधना, पढ़ें सरल मंत्र
पूजा विधान-
कलश स्थापना, देवी का कोई भी चित्र संभव हो तो यंत्र प्राण-प्रतिष्ठायुक्त तथा यथाशक्ति पूजन-आरती इत्यादि तथा रुद्राक्ष की माला से जप संकल्प आवश्यक है।
जप के पश्चात अपराध क्षमा स्तोत्र यदि संभव हो तो अथर्वशीर्ष, देवी सूक्त, रात्रि सूक्त, कवच तथा कुंजिका स्तोत्र का पाठ पहले करें। गणेश पूजन आवश्यक है। ब्रह्मचर्य, सात्विक भोजन करने से सिद्धि सुगम हो जाती है।
नवरात्रि में विधि-विधान से मां भगवती की आराधना, पूजन-अर्चन व जप करने पर साधक के लिए कुछ भी अगम्य नहीं रहता। माता दुर्गा के
9 रूपों का उल्लेख श्री दुर्गा-सप्तशती के कवच में है जिनकी साधना करने से भिन्न-भिन्न फल प्राप्त होते हैं।
कई साधक अलग-अलग तिथियों को जिस देवी की हैं,
उनकी साधना करते हैं, जैसे प्रतिपदा से नवमी तक क्रमश:- जानिए मंत्र...
(1) माता शैलपुत्री :
प्रतिपदा के दिन इनका पूजन-जप किया जाता है। मूलाधार में ध्यान कर इनके मंत्र को जपते हैं। धन-धान्य-ऐश्वर्य, सौभाग्य-आरोग्य तथा मोक्ष के देने वाली माता मानी गई हैं।
मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम:।'
(2) माता ब्रह्मचारिणी :
स्वाधिष्ठान चक्र में ध्यान कर इनकी साधना की जाती है। संयम, तप,
वैराग्य तथा विजय प्राप्ति की दायिका हैं।
मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नम:।'
(3) माता चन्द्रघंटा :
मणिपुर चक्र में इनका ध्यान किया जाता है। कष्टों से मुक्ति तथा मोक्ष प्राप्ति के लिए इन्हें भजा जाता है।
मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चन्द्रघंटायै नम:।'
(4) माता कूष्मांडा :
अनाहत चक्र में ध्यान कर इनकी साधना की जाती है। रोग, दोष,
शोक की निवृत्ति तथा यश,
बल व आयु की दात्री मानी गई हैं।
मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कूष्मांडायै नम:।'
(5) माता स्कंदमाता :
इनकी आराधना विशुद्ध चक्र में ध्यान कर की जाती है। सुख-शांति व मोक्ष की दायिनी हैं।
मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं स्कंदमातायै नम:।'
(6) माता कात्यायनी :
आज्ञा चक्र में ध्यान कर इनकी आराधना की जाती है। भय,
रोग,
शोक-संतापों से मुक्ति तथा मोक्ष की दात्री हैं।
मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कात्यायनायै नम:।'
(7) माता कालरात्रि :
ललाट में ध्यान किया जाता है। शत्रुओं का नाश, कृत्या बाधा दूर कर साधक को सुख-शांति प्रदान कर मोक्ष देती हैं।
मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कालरात्र्यै नम:।'
(8) माता महागौरी :
मस्तिष्क में ध्यान कर इनको जपा जाता है। इनकी साधना से अलौकिक सिद्धियां प्राप्त होती हैं। असंभव से असंभव कार्य पूर्ण होते हैं।
मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महागौर्ये नम:।'
(9) माता सिद्धिदात्री :
मध्य कपाल में इनका ध्यान किया जाता है। सभी सिद्धियां प्रदान करती हैं।
मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सिद्धिदात्यै नम:।'
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